real bhootiya story in hindi || most horror story in hindi
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the haunted hause part-10
real bhootiya story in hindi || most horror story in hindi
राघव को थोड़ा सा डर लगा पर उसने पहली सीढ़ी पर कदम रखा और फिर दूसरी पर। वह धीरे-धीरे सीढ़ियां उतरने लगा । लगभग छः सात सीढ़ियां उतरने के बाद उसने टॉर्च इधर-उधर घुमाई ।
उसने देखा बेसमेंट में कुछ बच्चों के खिलौने टूटे फूटे पड़े हुए थे । कुछ जले हुए कपड़े । एक कुर्सी भी रखी थी । एक पुराना सा पियानो रखा हुआ था।
और भी बहुत सी पुरानी व कीमती चीजें रखी हुई थीं ।
राघव ने सोचा इतनी कीमती चीजें बेसमेंट में क्या कर रही हैं । उसकी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था । नीचे काफी बदबू भी आ रही थी ।
राघव अब और नीचे नहीं गया । उसने ऊपर आकर दरवाजा बंद कर दिया । उसने सुनीता से कहा –“ इसमें तो कोई भी लाश या कंकाल हमें नहीं मिला । मतलब कि यह सब कहानी किस्से एकदम वाहियात हैं। हमें कोई भी ऐसा सबूत अभी तक नहीं मिला है जिससे कि यह बात सच हो जो राम सिंह ने हमें बताई है । सुनीता की समझ में नहीं आ रहा था कि वह राम सिंह की बातों पर विश्वास करे या न ।
लेकिन फिलहाल तो रामसिंह पूरे विश्वास के साथ उसे यह बता रहा था । राघव ने उससे कहा –“क्या तुमने अपनी आंखों से यह सब देखा है ?”
राम सिंह ने कहा – “ नहीं , लेकिन एक औरत है जिसने मुझे यह बात बताई और मुझे यकीन है कि वह जो भी बोल रही थी वह सच है । ”
राघव ने कहा – “कौन है वह ?”
राम सिंह ने कहा–“ वह वही औरत है जो आप लोगों को पहले दिन यहां गेट पर मिली थी । वह आप लोगों को अंदर जाने से रोक रही थी । और मैंने उसे पागल कह कर भगा दिया था । ”
राघव ने कहा –“ ठीक है मैं उससे मिलूंगा।”
राघव को ड्यूटी के लिए लेट हो रहा था । इसलिए वह बिना नाश्ता किए ही चला गया।
सुनीता काफी टेंशन में आ गई थी । उसने कहा –“ हम जल्द ही यह घर छोड़ देंगे ।
वे दोनों वर्कर भी काफी डर गए थे इन सब बातों को सुनकर । वे दोनों तो तुरंत घर से चलने लगे। सुनीता उनको आवाज देती रही –“ अरे ..कम से कम चाय तो पी कर जाओ । ”
पर उन्होंने सुनीता की एक न सुनी और जल्दी से घर से निकल गए ।
राम सिंह अपने काम में लग गया । सुनीता भी घर का काम देखने लगी फिर थोडी देर बाद सुनीता ने राम सिंह को बोलकर पूछा –“ तुम किसी बूढ़ी औरत के बारे में बात कर रहे थे । क्या तुम मुझे उस बूढ़ी औरत के पास ले जा सकते हो ?”
राम सिंह ने कहा –“ हां ..क्यों नहीं ? वह यहीं पास में एक चर्च में रहती है । शायद अब एक नन बन चुकी है। ”
सुनीता ने कहा –“ ठीक है तुम मुझे उसके पास ले चलो। ”
राम सिंह ने कहा –“तो क्या बच्चे घर पर अकेले रहेंगे ?”
सुनीता ने कहा –“ ललिता कहां है ? उसको बोल दो वह इन लोगों को देखे रहेगी । ”
राम सिंह ने ललिता को बुला कर कहा –“ मैं मेम साहब के साथ जरा बाहर जा रहा हूं । तुम इन दोनों बच्चों को देखे रहना । कहीं घर से बाहर न जाएं । ”
ललिता ने भी हाँ में सिर हिला दिया ।
फिर सुनीता और राम सिंह दोनों उसी चर्च की ओर नकल पड़े।घर से थोड़ी दूर चलने के बाद चर्च आ गया । रामसिंह रुक गया । सुनीता अंदर गई तो वह बूढ़ी औरत कोई प्रार्थना कर रही थी ।
सुनीता ने आवाज दी –“सुनिए । ”
बूढ़ी औरत ने पीछे मुड़कर देखा। उसका चेहरा कुछ डरावना सा लग रहा था । वह घूर कर सुनीता को देखने लगी । सुनीता पहले तो डर गई पर उसने हिम्मत करके पूछा आप उस घर के बारे में कुछ जानती हैं ।
वह बूढ़ी औरत जोर से हंसने लगी और कहने लगी। –“मैंने मना किया था...पर तुम लोगों ने मेरी नहीं सुनी... अब तुम लोग नहीं बचोगे.. वह तुम में से किसी को भी नहीं छोड़ेगी । तुम सब एक एक कर मरोगे । चले जाओ यहां से । और दोबारा मेरे पास मत आना । ”
सुनीता ने सोचा यह तो सच में पागल लग रही है । बेकार में ही इसके पास आई मैं।
सुनीता चुप चाप घर वापस लौटने लगी । राम सिंह ने सुनीता से कुछ भी नहीं कहा । जब वह घर पहुँची तो उसने देखा कि बेसमेंट का दरवाजा खुला था । साहिल दरवाजे के पास खड़ा था । वह नीचे से किसी को बुला रहा था ।
सुनीता दौड़ कर साहिल को पकड़ने के लिए भागी । उसने देखा साहिल नीचे की और किसी से बातें कर रहा था ।
उसने साहिल को पकड़ कर पीछे खींच लिया उसने बेसमेंट में देखा तो कोई भी नहीं था । सुनीता ने दरवाजे को बंद कर दिया।
सुनीता ने साहिल से पूछा -“ किससे बातें कर रहे थे। ” उसने कहा -“ वहाँ नीचे मेरा एक दोस्त है । उसने मुझे बताया कि वह नीचे रहता है । जब से आप गई हो वह मेरे साथ ही खेल रहा था ।
और वह अपने साथ डॉली को भी अभी नीचे गेंद खिलाने के लिए ले गया । मैं उसी को तो बुला रहा था । ”
सुनीता काफी घबरा गई । उसने कहा -“ क्या ? क... कहां है डॉली ? ” साहिल ने कहा -“ डॉली उसी दोस्त के साथ नीचे चली गई मैंने तो माना भी किया था ।”
सुनीता ने झट से बेसमेंट का दरवाजा खोला। वह नीचे देखने लगी । नीचे डॉली नहीं दिख रही थी । और काफी अंधेरा भी था ।
सुनीता बहुत ज्यादा डर गई । उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे । उसने तुरंत रामसिंह को बुलाया । रामसिंह दौड़ता हुआ आया।
राम सिंह ने पूछा -“ क्या हुआ मेम साहब ?”
सुनीता ने उससे कहा -“ साहिल कह रहा है कि कोई छोटा बच्चा बेसमेंट से आया था और डॉली को अपने साथ खेलने के लिए में ले गया। तुम जल्दी से ऊपर जाकर डॉली के कमरे में देखो वह कमरे में है या नहीं ।”
राम सिंह दौड़ता हुआ ऊपर गया । उसने झट से कमरा खोला । उसने देखा की डॉली कमरे में नहीं थी ।
To be continued............
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